गुरुवार, 23 अगस्त 2007

कौन कहता है कि दर्पण झूट नहीं बोलता ?







जी हाँ ! आज के टेक्नोलॉजी के युग मे सब कुछ संभव है। वो दिन गए, जब हम कहते थे कि दर्पण झूठ नहीं बोलता। अब इस को देख कर लगता है कि दर्पण भी कभी कभी झूठ बोलता है।

7 टिप्‍पणियां:

अनूप शुक्ल ने कहा…

बढ़िया दर्पण हैं।

बेनामी ने कहा…

कहाँ मिलता है? :)

Jitendra Chaudhary ने कहा…

बहुत सही पुष्पेन्द्र बाबू।
अमां तुम तो ब्लॉग ऐसे लिखते हो, जैसे कोई क्वाटरली इंश्योरेंस की प्रीमियम देता है। अबे रोज लिखा करो, इत्ती अच्छी अच्छी छिपाकर रखते हो।

और धन्धा पानी कैसा है?

pushpendra ने कहा…

Aha :) How wonderful your blog is !

Well, this is Pushpendra.

You can personally write me at pushpendra@writeme.com

बेनामी ने कहा…

'शीशा हो या दिल हो आखिर टूट जाता है' बहुत खूब आपके इस क्रिएटिविटी को देखकर उनका दिल टूट गया होगा जो ये कहते हैं कि दर्पण झूठ नहीं बोलता है । वैसे मेरा मानना तो ये है कि दर्पण झूठ नहीं बोलता बिल्कुल उल्टा बोलता है ....शीशे में हर चीज़ उल्टी ही तो दिखाई पड़ती है ।

Hindi Jokes & SMS ने कहा…

aap bilkul sach bol rahe hai.

बेनामी ने कहा…
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